टेक्नोलॉजी के बारे मे क्या कहते है सुन्दर पिचई

 

मेरा अपना बचपन अत्यंत सादगी में बीता। मैं उस समय को आज की दुनिया से कहीं बेहतर मानता हूं। 

जिस छोटे से घर में हम रहते थे वह किरायेदारों से भरा हुआ था।  हम लिविंग रूम के फर्श पर सोते थे।  हम जहां रहते थे वहां पानी की बहुत समस्या थी और हमें सूखे का सामना करना पड़ा।  वह चिंता मेरे मन में इस हद तक घर कर गई थी कि आज भी मैं अपने सिरहाने पर पानी की बोतल रखकर सोता हूं।  उस समय दूसरे लोगों के घरों में रेफ्रिजरेटर हुआ करते थे, जब हमारे घर की बात आती थी तो ऐसा लगता था कि यह बहुत बड़ी बात है।  मैं बचपन में खूब पढ़ता था। जो भी हाथ में आया, पढ़ने लगाता था। दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना ही मेरी जिंदगी हुआ करती थी।  इस जीवन में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं थी।  बड़े होने के दौरान मैंने हर बदलाव का अनुभव किया है।'  मैंने फोन के लिए लंबी प्रतीक्षा अवधि देखी है।  जब मैं अपने दादा-दादी के रक्त परीक्षण के परिणाम लेने जाता था, तो वहां पहुंचने में दो घंटे लग जाते थे।  कई बार तो ऐसा भी हुआ कि जब मैं अस्पताल गया तो वे कहते थे कि आज रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है।  फिर फोन हमारी दुनिया में दाखिल हुआ। मैं अस्पताल में फोन करके पूछता था कि रिपोर्ट तैयार है या नहीं।  यह मेरे लिए बहुत उपयोगी था।  आस-पास के लोग भी हमारे घर फोन करने आते थे।  मैंने हमेशा गहराई से महसूस किया है कि कैसे टेक्नोलॉजी समुदाय की भावना को बढ़ावा देती है और समुदायों को जोड़े रखती है।  बड़े होकर मैंने भी इसे बढ़ाने की कोशिश की। इंटरनेट तेजी से फैल रहा था। मैं इस बदलाव का हिस्सा बनना चाहता था। आर्थिक कारणों से भी मुझे नौकरी करनी थी इसलिए स्टैनफोर्ड से पढ़ाई करने के बाद मैंने नौकरी करना शुरू कर दिया। काम करते समय, मुझे पता चला कि टेक्नोलॉजी वास्तव में एक ब्रिज है।  यह लोगों को जोड़ती है। यह लोगों का समाज है, हमें यह देखना होगा कि हम टेक्नोलॉजी का उपयोग कहां कर सकते हैं।  यह अच्छी बात नहीं है कि टेक्नोलॉजी लोगों को अकेला बना देती है।


आज आप लोगों को अपने मोबाइल फोन में डूबे हुए देखते हैं तो ऐसा लगता है मानो टेक्नोलॉजी उन्हें जबरन अपने में ही उलझाए हुए है।  यह हमारी जीवनशैली में उस तरह फिट नहीं हो पाया है, जैसा होना चाहिए।  मेरा मानना ​​है कि प्राकृतिक तरीकों से समस्याओं का समाधान ढूंढना महत्वपूर्ण है।  टेक्नोलॉजी सिर्फ आपकी मदद के लिए है, उस पर पूरी तरह निर्भरता सही नहीं है।  यदि आप टेक्नोलॉजी के साथ ठीक से व्यवहार नहीं करते हैं, तो यह आपको और अधिक अकेला बना देगी।  अगर हम जीवन में संतुलन लाएंगे तो वो अंतर कम हो जाएगा जो आपको टेक्नोलॉजी को कोसने पर मजबूर करता है।

आप जो भी करें उसमें मजा आना चाहिए

हमें टेक्नोलॉजी से परे भी देखते रहना होगा।'  मैं चाहता हूं कि लोग हर जगह रचनात्मकता की सराहना करें, चाहे वह भारत हो या अमेरिका।  कार्य करने के महत्व को समझें।  जोखिम लेना सिखये, शिक्षा भी महत्वपूर्ण है लेकिन यही सब कुछ नहीं है।  जीवन एक लंबी यात्रा है। आपको इसे सही गति देनी होगी। और आप जो भी करें उसमें मजा आना बहुत जरूरी है।  हम लगातार विकास कर रहे हैं और तेजी से विकास कर रहे हैं।  आने वाला समय ऐसा होगा कि आप ईयर बड्स पहनेंगे और उन लोगों से बात कर सकेंगे जिनकी भाषा आप नहीं जानते और वो आपकी भाषा नहीं जानते।  जब आप ऐसी टेक्नोलॉजी के आगमन के मुहाने पर खड़े हों तो आपकी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं।  आने वाले समय में टेक्नोलॉजी का दखल और बढ़ेगा।  ऐसे में हमें अभी से तैयारी करनी होगी। 

हमें अपने बेसिक्स को मजबूत करते रहना होगा।'दुनिया को कवर करने वाली हर चीज़ के लिए टेक्नोलॉजी पर निर्भर न रहें।

टेक्नोलॉजी तेजी से आगे बढ़ रही है। हमें सोच का दायरा बढ़ाना होगा, इसे अपने जीवन में वह स्थान देना होगा जहां यह वास्तव में आवश्यक हो। 


और सबसे महत्वपूर्ण बात, स्क्रीन से दूर दुनिया को देखना न भूलें।  हम इंसान हैं, हमें इंसान ही रहना है।  मशीन हमसे अलग होनी चाहिए।

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