अंतवाक् की संकल्पना Inner speech by Vygotsky

 

लिव सिमनोविच वाइगोत्सकी   

सोवियत संघ के मनोवैज्ञानिक थे तथा वाइगोत्स्की मण्डल के नेता थे । उन्होने मानव के सांस्कृतिक तथा जैव - सामाजिक विकास का सिद्धान्त दिया जिसे सांस्कृतिक - ऐतिहासिक मनोविज्ञान कहा जाता है । 

वाइगोत्सकी ने ' अंत : वाक् ' की संकल्पना दि है जिसके माध्यम से बालक खुद से ही बात करता है । इससे बच्चे सामाजिक रूप से रचे तंत्र का विकास करते हैं और उसके द्वारा बाकी दुनिया से संवाद स्थापित करते हैं ।

Important points

(1) वाइगोत्स्की के अनुसार बच्चे के भाषा विकास में समाज की अहम भूमिका होती है । समाज से संवाद स्थापित करने से पहले बच्चा अंत : वाक् ( आत्म वार्तालाप ) द्वारा स्वयं से संवाद स्थापित करना सीखता है ।

(2) वाइगोत्सकी के अनुसार , संज्ञानात्मक विकास में भाषा और चिंतन का प्रमुख स्थान है । बाहरी दुनिया से बात करने के लिए पहले बालक भाषा सीखता है और फिर भीतरी सम्भाषण प्रारम्भ ( ' अंत : वाक् ' ) कर देता है । भीतरी सम्भाषण के तहत सभी बालक अपने अन्दर आत्म वार्तालाप की आदत बना लेते है जो आगे जाकर आत्म चिंतन बनकर सामने आती है ।

(3) आत्म वार्तालाप का प्रयोग बालक अपने व्यवहार को नियोजित और निर्देशित करने के लिए करते हैं बालक बोलते हुए या आत्म वार्तालाप करते हुए अपने काम को नियंत्रित करते हैं ।


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